एक बार हमसे साँवरे नज़रें मिलाईए ।
नज़रें मिला के श्याम ज़रा मुस्कुराईए…
एक बार हमसे साँवरे नज़रें…
नज़रें हमारी आपकी चौख़ठ पे है अड़ीं,
कब से निहारे राह बेचारी खड़ी-खड़ी ।
नज़रों पे कर रहम इन्हें, अब ना सताईए…
एक बार हमसे साँवरे…
दिल को तो हमने आपके चरणों में रख दिया,
दुनियाँ हमारी आप हैं इतना समझ लिया ।
अब आप अपने हाथ से इसको सजाईए…
एक बार हमसे साँवरे…
यह जानकर कि आप यहीं आस पास हैं,
फिर भी समझ ना आए ये दिल क्यों उदास है ।
ज़ज़्बात दिल के जान ज़रा पास आईए…
एक बार हमसे साँवरे…
प्रहलाद सा बनूं प्रभु हनुमत सी भक्ति दो,
गाऊँ भजन मैं झूम के मीरा सी मस्ती दो ।
भक्त को गले से अपने गले तो लगाईए…
एक बार हमसे साँवरे…
बोल बांके बिहारी लाल की… जय..