( तर्ज – तेरे बिना ना गुज़रा ए )
खाटू नगरी जो भी आया बनते उसके काम है
कोठी अंदर देखो भक्तों बैठे बाबा श्याम है
बड़ा ही दातार सांवरे तू खेवनहार सांवरे
तू हारे का सहारा है तुमसे चलता गुजरा है
रिंगस से मैं बाबा लिया यह निशान है
नमकीन के साथ मैंने लिया मीठा पान है
तू मेरी पहचान सांवरे तू खेवनहार सांवरे
तू हारे का सहारा है तुमसे चलता गुजरा है….
तोरण द्वार तेरा बाबा ताजमहल से सुंदर है
सीना चीर के देखो बाबा दिल के तू अंदर है
तू बड़ा क्यूट सांवरे तू खेवनहार सांवरे
तू हारे का सहारा है तुमसे चलता गुजरा है …
लकी क्यों घबराए बाबा जब बैठा श्याम है
हर पल बाबा वो तो लेता तेरा नाम है
तू बड़ा दिलदार सांवरे तू खेवनहार सांवरे
तू हारे का सहारा है तुमसे चलता गुजरा है ..