खाटू वाले श्याम धनी को आलम्बाजार में धाम है

खाटू वाले श्याम धनी को

खाटू वाले श्याम धनी को आलम्बाजार में धाम है,
हाथों हाथ यो देव पर्चो और बनावे काम है…
कोलकाते में डंका बाजे… ओ
सारे जगत में डंका बाजे…
येसो प्यारा धाम है…

चारों कनी से सेवक आवे, सगला करे अरदास है,
एक बार में काम बनावे, सगला ने विश्वास है…
हारे हुए को है एक ही साथी, खाटू हालो श्याम है…
खाटू वाले श्याम धनी को…

ऊँच-नीच का भेद नहीं है, सगला उरे खास है…
मेह बाबा का… ओ बाबा म्हारो यो पक्को विश्वास है,
सब कोई आवे, शीश झुकावे, चरणा में प्रणाम है…
खाटू वाले श्याम धनी को…

तू ना सुन्यो तो कौन सुनेगो, और कटे में जावंगा…
मन की बात तन सुनावां, तेरा ही गुण गावा है…
मेरे मन में तू ही विराजे, जिभा पे तेरो नाम है…
खाटू वाले श्याम धनी को…

तू है तो सब पास है, वरना मैं तो अकेला हूं…
तुझको क्या-क्या बोलूं बाबा, क्या-क्या मैं तो झेला हूं…
पवन तेरे चरणों का चाकर, तेरी चौखट का गुलाम है…
खाटू वाले श्याम धनी को…

खाटू वाले श्याम धनी को आलम्बाजार में धाम है,
हाथों हाथ यो देव पर्चो और बनावे काम है…
कोलकाते में डंका बाजे… ओ
सारे जगत में डंका बाजे… येसो प्यारा धाम है..

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