जिसको ये दुनियां हराए उसे श्याम जिताए

भक्तों की आंख से आंसू,
गिरते ना देख ये पाए,
जिसको ये दुनिया हराए,
उसे श्याम जिताए,
ओ उसे श्याम जिताए,
सांसों का क्या है भरोसा,
कल आए या ना आए,
लेकिन जो इनको बुलाए,
विश्वास है आए,
ओ विश्वास है आए।

तर्ज: चिंगारी कोई भड़के

कलयुग का सच्चा दर है,
पर्चा हर कदम कदम पे,
इस श्याम ने भर दी देखो,
खुशियां कितनी आंगन में,
जब श्याम कृपा हो जाए,
पतझड़ में सावन आए,
जिसको ये दुनियां हराये,
उसे श्याम जिताए,
ओ उसे श्याम जिताए। ॥1॥

घनश्याम दयालु इतने,
साया बन साथ निभाते,
ये है तो हम जिंदा हैं ना,
होते तो मर जाते,
जिनको है श्याम सहारा,
बोलो कैसे गिर जाए,
जिसको ये दुनियां हराये,
उसे श्याम जिताए,
ओ उसे श्याम जिताए। ॥2॥

हर दर्द इन्हे प्रेमी का,
अपना सा कमल लगता है,
प्रेमी के खातिर क्या ये,
बाबा कर ना सकता है,
जो श्याम पे होता निर्भर,
वो कभी ना धोखा खाए,
जिसको ये दुनियां हराये,
उसे श्याम जिताए,
ओ उसे श्याम जिताए। ॥3॥

भक्तों की आंख से आंसू,
गिरते ना देख ये पाए,
जिसको ये दुनिया हराए,
उसे श्याम जिताए,
ओ उसे श्याम जिताए,
सांसों का क्या है भरोसा,
कल आए या ना आए,
लेकिन जो इनको बुलाए,
विश्वास है आए,
ओ विश्वास है आए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *