तुम राजा हो जग के श्याम,
हम प्रजा तेरी,
आनंद है सुबहो शाम,
ये कृपा तेरी।।
तर्ज- लो आ गया अब तो श्याम ।
इंसानों में ओ बाबा,
इंसानियत ना पाई,
दौलत के दिखावे में,
दिल की गरीबी छाई,
दुखड़ो से भरी आँखें,
पोंछीं है तुमने मेरी,
तुम राजा हों जग के श्याम,
हम प्रजा तेरी,
आनंद है सुबहो शाम,
ये कृपा तेरी | bal
इंतज़ार है सभी को,
कहलाऊ बेसहारा,
टूटेगा कब दुखों से,
ख़ुशियों का श्याम तारा,
टूटेगा कैसे तारा,
जिसमे चमक हो तेरी,
तुम राजा हों जग के श्याम,
हम प्रजा तेरी,
आनंद है सुबहो शाम,
ये कृपा तेरी Ibdi
नज़रो में ना गिरूँ मैं,
इतना सम्भाले रखना,
परखेगी दुनिया बाबा,
तुम ना कभी परखना,
जी लेंगे ‘कपिल’ वैसे,
जिसमे रजा हो तेरी,
तुम राजा हों जग के श्याम,
हम प्रजा तेरी,
आनंद है सुबहो शाम,
ये कृपा तेरी। bd।
तुम राजा हो जग के श्याम,
हम प्रजा तेरी,
आनंद है सुबहो शाम,
ये कृपा तेरी।।