निभाया है निभाएगा,
भरोसा मेरा बाबा,
खाटू वाला वो लीले वाला,
मेरा रखवाला वो खाटू वाला ।।
तर्ज – बनाके क्यों बिगाड़ा रे।
आई मुसीबत पास कभी तो,
दूर ही मुझसे वो रुक गई,
पास खड़ा था मेरा कन्हैया,
सदके में उसके वो झुक गई,
वो गबराई वो चकराई,
जब देखा मुरली वाला,
खाटू वाला वो लीले वाला,
मेरा रखवाला वो खाटू वाला ।।
ना मोहताज है जग वालों के,
और ना हाथ ये फैलाए,
मांगा कभी जो एक श्याम से,
सुख दामन में हजार दिए,
लालन करता पालन करता,
वहीं है पालन हारा,
खाटू वाला वो लीले वाला,
मेरा रखवाला वो खाटू वाला ।।
जो है पिता ‘निर्मल’ सांवरिया,
हाथ है उसका तेरे सर,
फिर किस बात की होगी चिंता,
होगा फिर किस बात का डर,
कोई क्या बिगाड़े जब वो संभाले,
मेरा श्याम है निराला,
खाटू वाला वो लीले वाला,
मेरा रखवाला वो खाटू वाला।।
निभाया है निभाएगा,
भरोसा मेरा बाबा,
खाटू वाला वो लीले वाला,
मेरा रखवाला वो खाटू वाला ।।