बने है याचक कृपानिधान

बने है याचक कृपानिधान,
मांग रहे है बर्बरीक से,
आज शीश का दान |bd|

समर भूमि की प्यास बुझाओ,
निज मस्तक की भेंट चढ़ाओ,
सब वीरो में नाम कमाओ,
हे योद्धा बलवान,
बने हैं याचक कृपानिधान |bd|

हंसे वीर धन्य घड़ी ये आई,
याचक बनकर खड़े कन्हाई,
एक तमन्ना थी यदुराई,
देखु युद्ध महान,
बने हैं याचक कृपानिधान |bd|

बोले कृष्ण ये वचन हमारा,
अमर रहेगा शीश तुम्हारा,
पूजेगा तुझको जग सारा,
कलयुग के दरम्यान,
बने हैं याचक कृपानिधान |bd|

हँसते हँसते शीश दिया है,
हरी ने गिरी पर धरा दिया है,
सारा तांडव देख लिया है,
देकर पूरा ध्यान,
बने हैं याचक कृपानिधान |bd|

महाभारत का हाल सुनाया,
श्याम नाम वरदान में पाया,
जो कोई इसके दर पे आया,
मिली उसे मुस्कान,
बने हैं याचक कृपानिधान |bd|

बने है याचक कृपानिधान,
मांग रहे है बर्बरीक से,
आज शीश का दान |bd|

गायक: संजय मित्तल जी

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