बैठे बैठे खाटू में ओ सांवरे

हाल क्या हम छुपाए आपसे आप तो सबकी खबर रखते हो,
बैठे बैठे खाटू में ओ सांवरे सारे भगतों पर नजर रखते हो।

तर्ज – आंख है भरी भरी और तुम।

तेरी नजरे तूफानों से नाव को खींच लाती है,
जिसे जैसी जरूरत हो मदद तेरी पहुंच जाती है,
गैर पर भी आप तो संवारे अपनों जैसी ही प्यार रखते हो।

मैं कैसे मान लूं बाबा के मेरी हार बाक़ी है,
मेरे विश्वास में बाबा तुम्हारा द्वार बाक़ी है,
बिगड़ी हो गर बात तो संवारे, तुम बनाने का काम करते हो।

ना हो जब तक कृपा तेरी मै आगे बढ़ नहीं सकता,
बिना तेरे सहारे के मैं दुख से लड़ नहीं सकता,
साथी बनके श्याम बाबा आप तो साथ देने का हुनर रखते हो।

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