भूलियो ना राधारमण

भूलियो ना राधारमण जो,  दर पे ना आऊँ
रूठियो ना राधारमण जो, दर पे ना आऊँ
मोहे तो भरोसा एक, तेरो ही ओ राधारमण
तेरो द्वार छोड़ अब मैं, और कहाँ जाऊँ
भूलियो ना राधारमण जो,  दर पे ना आऊँ
रूठियो ना राधारमण जो, दर पे ना आऊँ

माया के झूठे जालों में, फँसता ही जाऊँ रमणा
इतनी कृपा बस करदो, तुम्हें भजता जाऊँ
भूलियो ना राधारमण जो,  दर पे ना आऊँ
रूठियो ना राधारमण जो, दर पे ना आऊँ

सुनो मेरे राधारमण, करदो ना इतना करम
बसा लो ना वृंदावन जो, रोज दर पे आऊँ
भूलियो ना राधारमण जो,  दर पे ना आऊँ
रूठियो ना राधारमण जो, दर पे ना आऊँ

माँगू तो से तो ही को मैं, और क्या मैं माँगूँ रमणा
तेरे कंटीले नैनों, में बस जाऊँ
भूलियो ना राधारमण जो,  दर पे ना आऊँ
रूठियो ना राधारमण जो, दर पे ना आऊँ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *