मेरे श्याम का संदेशा आया, मुझे खाटू आज बुलाया सुनकर मेरा मन हर साया, मुझे खाटू आज बुलाया

तर्ज – मनिहारी का भेष बनाया

मेरे श्याम का संदेशा आया, मुझे खाटू आज बुलाया
सुनकर मेरा मन हर साया, मुझे खाटू आज बुलाया

पढ़ कर मैं संदेशा घर को गया
और घर आकर समान लिया
हाथों से भोग बनाया, मुझे खाटू आज बुलाया

सुनकर मेरा मन हर साया, मुझे खाटू आज बुलाया

अरे गांव से मैंने बस पकड़ी
और बस में थी भक्तों की भीड़ तगड़ी
रिंगस का टिकट कटवाया मुझे खाटू आज बुलाया

सुनकर मेरा मन हर साया, मुझे खाटू आज बुलाया

रिंगस पर मैं तो उतर गया
मैंने बाबा का हाथों में निशान लिया
उनका जयकरा लगाया मुझे खाटू आज बुलाया

सुनकर मेरा मन हर साया, मुझे खाटू आज बुलाया

खाटू जब मैं पहुंच गया
अपने दिलदार का मैंने दर्शन किया
लकी को देख बाबा यूं मुस्कुराया मुझे खाटू आज

सुनकर मेरा मन हर साया, मुझे खाटू आज बुलाया

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