मैं ना भूलूंगा

की टुटा हर सपना,
क्यों रूठा हर अपना, मेरी सांसे चाहे, कन्हैया अब थमना, लूट लिया था मुझको मेरे,
चाहने वालों ने,
उन रिश्तों को उन सपनों को, उन रिश्तेदारों को,
मैं ना भूलूंगा, मैं ना भूलूंगा lbadl
ख़ाक से हमको तो, उठाया तुमने ही, कोयले से हिरा, बनाया तुमने ही,
आज मिली जो खुशियाँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तेरी लीला तेरे करिश्मे,
तेरे चमत्कारों को,
मैं ना भूलूंगा, मैं ना भूलूंगा Ibdi

बचाया तुमने ही, बसाया तुमने ही, हर कदम ‘मोहित’ को, निभाया तुमने ही,
सौंप दिया है मैंने जीवन, अब तेरे हाथों में,
तेरे चरण में बहने वाली,
उन असुवन धारा को,
मैं ना भूलूंगा,
मैं ना भूलूंगा Ibdi

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