मै भी उठाऊ श्याम तेरा निशान

मै भी उठाऊ श्याम तेरा निशान
कर दे मुझ पर ये अहसान
इच्छा बड़ी है  श्याम सरकार में बाबा
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार मैं बाबा

मैंने सुना है श्याम तू दीना नाथ है
जिसने पुकारा बाबा तू उसके साथ
हैं।
तू उसके साथ बाबा तू उसके साथ है।
हारे का सहारा तू बड़ा बलवान है
भेद नहीं पाया। तेरी महिमा महान है
पागल हुआ मैं तेरे प्यार में बाबा
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में  बाबा…

तेरा निशान श्याम तेरी पहचान है
जिसने उठाया हुआ उसका कल्याण है
उसका कल्याण बाबा उसका कल्याण है
जग का पालनहार श्याम सबका तू सहारा
डूबते हुए को तू देता है किनारा
नईयाँ पडी है श्याम मझधार में बाबा
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में बाबा….

तेरे दरबार की तो बात है निराली
सच्चे मन से जो आया लौटा ना खाली।
लौटा ना खाली बाबा लौटा ना खाली
सबकी तू लाज रखता मोहन मुरारी
मैं भी तेरे दर पे आया बनके भिखारी
अंखिया प्यासी हैं तेरे दीदार में श्याम
अर्जी लगाओ तेरे दर बार में श्याम

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