म्हानै न्यारो करग्या सांवरा..

थारै कंईया सुहाई जी या बात
म्हाने न्यारो करग्या सांवरा।

बालकपन म्हारो भूल्या थे तो, बित्योडी बै रातां ।
तुतलाती जुबान से म्हारी, भजन थारा ही गाता।
सुनता सुनाता मनडै री बात
म्हानै न्यारो करग्या सांवरा.. ।।१।।

पहन कै थारो जंतरियो मेह, गलियां मांही फिरता।
के जादू के टूना सगला, जंतरिये मै घिरता।
थाने याद दुवाऊं जी वे बात
म्हानै न्यारो करग्या सांवरा.. ।।२।।

नया नवेला प्रेमियां सै, तू पिचान बढ़ावै।
मां की कोख से यो सिरदारो, तेरा ही गुण गावै।
थे तो भूल्या जी सगली वे बात
म्हानै न्यारो करग्या सांवरा…. ।।३।।

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