रात में वो तो आया माखन मिश्री वो तो खाया मेरा सावला कन्हैया मेरा प्यारा कन्हैया

तर्ज – चलते-चलते यूं ही कोई

रात में वो तो आया माखन मिश्री वो तो खाया
मेरा सावला कन्हैया मेरा प्यारा कन्हैया

छोटे है पांव उसके पायल बड़ी निराली
हाथ है उनके छोटे मुरली बड़ी निराली
मुस्कुराहट पे उसकी दिल मेरा आ गया है
मेरा सावला कन्हैया मेरा प्यारा कन्हैया

नटखट नंद का लाला बातें बड़ी बनाए
मेरे सामने तो आए पर हाथ ना वो आए
सूरत कितनी प्यारी मेरा मन अटक रहा है
मेरा सावला कन्हैया मेरा प्यारा कन्हैया

ग्वालो के साथ खेले और गैया चराए
पूछे कुछ भी उनसे कान्हा यूं शर्माए
सज कर मेरा कान्हा मोर पंख लगा रहा है
मेरा सावला कन्हैया मेरा प्यारा कन्हैया

तुझे देख मन अटका प्यारा पीला पटका
तिलक जो लगाए नैनो से लगता झटका
लक्की को अपना लो तेरी शरण आ रहा है
मेरा सावला कन्हैया मेरा प्यारा कन्हैया

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