तू फिरा अपनी मोरछड़ी
तर्ज: जिंदगी की न टूटे लड़ी.. श्याम सर पे मुसीबत पड़ी,तू फिरा दे, तू फिरा अपनी मोरछड़ीखाटू वाले उम्मीदे न तोड़ो,तेरी महिमा सुनी है बड़ी इन आँखों के पानी का क्यायह तो दर-दर पे बह जाते है,दर्द की तो जुबां ही नही,कैसे अपनी सुना पाते है ।आंखों से बहते, बन के लड़ी बाबा, तेरे […]
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