ये खाटू धाम हैं

आ गया फागुन मेला, भक्तो का आगाज है
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है

पल पल तेरी याद सतावें,
ओ मेरे धनश्याम रे
भक्तो का अब मन नहीं लगता,
बिन तेरे श्याम है
प्यारा खाटू धाम है
कलियुग का है ये अवतारी ,
कहते खाटू श्याम है
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है

फागुन के मेले में देखो,भक्तो की कतार है
श्याम धनी के दर्शन खातिर ,भक्तो में इंतजार है
प्यारा खाटू धाम है
हारे के तुम हो सहारे,प्यारे खाटू श्याम रे
ये पावन मरूधरा की धरती,ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है

बिन मांझी के नाव चले ना,
अब पकड़ पतवार रे
भक्तो की अब विनती सुन लो,
ओ मेरे दातार रे
हरष हरष “जाजू” गुण गावे,
दरस तेरी सब पावे
पावन मरूधरा की धरती,ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है

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