वजदी कमाल कर गई

मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली दी तान सुन के इन्दर दा सिंघासन डोलया
अर्शा तोह आये देवते, मेरे भोले दी समाधी खुल गयी

मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली दी तान सुन के जंगला दे पशु पक्षी डोलदे
वे चलदे चलदे रुक नी गए यमुना दी लहर ठहर गयी

मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली दी तान सुन के दौड़ी आईया सारी सखियाँ
घर बार छूट नी गए सुध बुध सारी भूल गयी

मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली दी तान सुन के रास मंडल रचया
एक एक सखी ते मोहन सारया दी जोड़ी रल गयी

मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

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