मनडा ने कह दे अब तू,
श्याम थारे सागे,
अब तक तो हारयो है तू,
ना हारेगो आगे।
तर्ज: छुप गया कोई रे दूर से
मन की या बाता ने थारी,
कुण ने सुनावेगो,
आस लगावेगो तो,
मरतो ही जावेगो,
कह दे जो भोग्यों है तू,
बैठ इके आगे,
अब तक तो हारयो है तू,
ना हारेगो आगे। ॥1॥
सोनो चाँदी मेवों इने,
दुनिया चढ़ावे है,
भाव जो चढ़ावे बिने,
कालजे लगावे है,
हसबाने जग यो काफी,
रो ले इके आगे,
अब तक तो हारयो है तू,
ना हारेगो आगे। ॥2॥
हारयोड़ा ने जद तू इकी,
राह दिखावेगो,
देख थारी भक्ताई,
श्याम इतरावेगो,
रक्षा करेगो ‘कपिल’ की,
ढाल बनके आगे,
अब तक तो हारयो है तू,
ना हारेगो आगे। ॥3॥
मनडा ने कह दे अब तू,
श्याम थारे सागे,
अब तक तो हारयो है तू,
ना हारेगो आगे।