साथी बनूंगा मैं ही तुम्हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
हारे कोई ये ना मुझको गवारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा।
तर्ज: साथी हमारा कौन बनेगा
तेरे अपने भले ही,
बने अपने कभी ना,
शरण में आजा मेरी,
होगी कोई कमी ना,
रोते हुए किसी प्रेमी को,
बस एक बार तू दे हँसा,
एक बार तू दे हँसा,
रोने ना दूँगा तुझको दोबारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा। ॥1॥
मुझे सब कुछ पता है,
तुम्हारे हालातों का,
मान ना घटने दूँगा,
मैं तेरे जज़्बातों का,
जब जब तेरी पुकार सुनूँगा,
आऊँगा तेरे पास,
आऊँगा तेरे पास,
बाल ना बाँका होगा तुम्हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा। ॥2॥
नज़र में सब है मेरे,
रेक हो चाहे राजा,
भाव से झुकता जो भी,
डंका उसका बजाता,
खेल यहाँ बस भावों का है,
चलता ना है रुबाब,
चलता ना है रुबाब,
कर दूँगा मैं वारा न्यारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा। ॥3॥
साथी बनूंगा मैं ही तुम्हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
हारे कोई ये ना मुझको गवारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा,
कहना पड़ेगा तुझे मैं हूँ हारा।