कृष्ण भजन

हर पल मेरे साथ श्याम रहता हैं

हर पल मेरे साथ,  श्याम रहता हैं ,मेरे दिल की बात , वो सुनता हैं , हर रोज मैं उसके , दरबार जाता हूँ ,हर रोज मैं उसको , भजन सुनाता हूँ ,वो सुनता रहता हैं , मैं गाता रहता हूँ ,भजनों से उसको मैं , रिझाता रहता हूँ ,मेरे भजनों में उसको , आनंद […]

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सांवरा थारी माया को पायो कोनी पार

सांवरा थारी माया को पायो कोनी पार रे,सांवरिया थारी माया को पायो कोनी पार रे,भेद नहीं जाणो रे दयालु दीनानाथ, महीना महीना लार निकले नोट करोड़ा माय । थाके वो नोटा ने सांवरा कई करोला आप,थाके वो नोटा ने सांवरिया कई करोला आप,भोला भाला सब भक्ता रा भररिया हो भंडार,थारा वो सगला भक्ता री रखरिया

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चारो धामों से निराला बृज धाम

ब्रज चौरासी कोस की परिकम्मा एक देखसो लख चोरासी जोनि की संकट हरि हर लेत जय जय ब्रिज भूमि जय जय बृज भूमि,,,2 चारो धामों से निराला बृज धामके दर्शन कर लेयो जीचारो धामों से निराला बृज धामके दर्शन कर लेयो जीहो दर्शन करल्यो सिमरण करल्योवन्दन करल्यो जीलैके राधा जी बिहारी जी को नामके दर्शन

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सब कुछ तेरो सरकार मेरा तो कुछ भी नहीं

मेरी गाड़ी मेरा बंगला मेरा पैसा सब तेरा, सब कुछ तेरो सरकार मेरो तो कुछ भी नहीं,सब तेरो सांवरिया सेठ मेरा तो कुछ भी नहीं। ये पलोट रोकड़ नोट सांवरिया का है सपोर्ट, मेरे बिजनेस में तेरा हाथ मेरा तो कुछ भी नहीं,मैं तो पुतला हूं सांवरिया सेठ, चाबी तेरे हाथ में रखी,मेरी शॉप चले

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तुम्हें देखती हूं तो लगता है ऐसे

तुम्हें देखती हूं तो,लगता है ऐसे   के जैसे युगों से,तुम्हे जानती हूं   अगर तुम हो सागर…..   अगत तुम हो सागर,मैं प्यासी नदी हूं   अगर तुम हो सावन,मैं जलती कली हूं   के जैसे युगों से,तुम्हें जानती हूं   तुम्हें देखती….

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तरज  – सावन का महीना

बैठे ऊंचे सिंहासन देखो ना मेरी ओरकर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये गोर उंगली पकड़ के तूने चलना सिखायागिरने से तुमने बाबा मुझको बचायातेरे हाथ में बाबा इस पतंग की है ये डोरकर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये गोर सच में पुकारा तुमको किया ना बहानादेर ना लगाना बाबा जल्दी से

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बैठे ऊंचे सिंहासन देखो ना मेरी ओर कर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये गोर

तरज  – सावन का महीना बैठे ऊंचे सिंहासन देखो ना मेरी ओरकर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये गोर उंगली पकड़ के तूने चलना सिखायागिरने से तुमने बाबा मुझको बचायातेरे हाथ में बाबा इस पतंग की है ये डोरकर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये गोर सच में पुकारा तुमको किया ना बहानादेर

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मनवा छोड़ जगत जंजाल लगा रटना हरि नाम की

मनवा छोड़ जगत जंजाल लगा रटना हरि नाम की।लगा रटना हरि नाम की…..2मनवा छोड़ जगत….. नाम हरि का नहीं जपे रसना किस काम की…2अरे हरि भजन से सुफल होए तेरी काया जाम की…2मनवा छोड़ जगत… पल पल छीजै स्वासा तेरी आठों याम की…2अरे क्या किया था कौल याद कर लें उस धाम…2मनवा छोड़ जगत…. वृंदावन

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राधा राधा राधा राधा

तर्ज : रात श्याम मेरे सपने आयो ब्रज भूमि में पांव धरत ही, तन मन बोले-राधा राधा राधा राधा ।। गोवर्धन गिरि, ब्रजरज, यमुना,कण कण बोले-राधा राधा० पशु पक्षी तरू फूल लताएं,कुंज कुंज बोले-राधा राधा० छाछ दूध दहीं माखन मटकी,बंसी बोले-राधा राधा० निगमागम सुर सन्त भगत मुनि,जन गण बोले- राधा राधा० मधुर मधुर रस चाख

राधा राधा राधा राधा Read More »