महफिल नहीं है बावरे कीर्तन है बाबा श्याम का
महफिल नहीं है बावरे, कीर्तन है बाबा श्याम का, बनके दीवाना देख ले, तू भी प्रभु के नाम का ।। तर्ज़ – खाटू बुला रहा है। कीर्तन करो तो ऐसे, सुधबुध ही भूल जाओ, भक्ति का है ये सागर, बस इसमे डूब जाओ, आँखों में हो नजारा, बस तेरे खाटू धाम का, मेहफिल नही है […]
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